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'अ ' वर्ण बटिक शुरू हुणी कुछ कुमाउनी शब्द.आपूं हैं बे यथा संभव सहभागिता और सहयोग लै चैंछ!
(नयीं म्यलमें आपण तरफाक शब्द जरूर भेजिया)
- अड़ - जिद, अड़ने की क्रिया
- अड़ंग - बाधा, रूकावट, पेड़
- अड़ण - बाधक बनण, अड़ना, विरोध करना
- अड़चन - कठिनाई, बाधा, परेशानी
- अनाड़ - आंत , अनड़ का बहुवचन
- अस्यान/अस्याण - छोटा बच्चा
- अबूक - नादान, नासमझ, बाल्य अवस्था
- अमख्वैड़/अमख्वा्ड़ - अमचूर
- असज-असुविधा, कष्ट, दिक्कत, सज न आना,
- असजिल-कष्ट कारक, असुविधाजनक,
- असजिलि-गर्भवती स्त्री असंतीण्कष्ट होना,
- प्रसव-पिड़ा में होना
- असेप/ असेब-छाया क्षेत्र, ओट में जहाँ धूप न पहुंचे
- अल्लै-अभी, इसी समय
- अलैया-अजूबा
- अलीत-गंदा, गंदगी से परहेज न करने वाला,
- अबिट-शुद्ध, चौखा,
- अड़म्याच-अडंगा, बाधा, रुकावट,
- अड़क्यूण्-कसकर बांधना
- अलोप-लुप्त, अदृश्य, हराम, खो जाना
- अचौल-अप्रचलित, जो प्रयोग में नहीं,
- अणहत-अनोखा, जो पहले न हुआ हो
- अंगाव/अड•ाव-गले मिलना, आलिंगन
- अकड़/अक्कड़-घमंड, जिद्द, ऐंठन
- अकड़ण-जिद्द करना, घमंड करना
- अटौल-पशु कृमी जो पशुओं का खून चूसते है
- अबेर-देर
- अकबकीण्- चकित होना, दिगभ्रमित होना
- अलक्यौंण-ऊंचा ऊठाना, औग्योंण
- अवतवाट-हड़बड़ी, उतावलापन
- अतपत-जल्दबाजी,आफत, परेशानी
- अब्या्व-विपत्ती, गर्दिश
- अण्ब्याव-अविवाहित,
- अत्तर/ अतर-चरस
- अतौर -जो तरी न जा सके,
- अदिन-शामत, मौत
- अमोरी -मुड़ा हुआ,घुमावदार,नाराजगी
- अमोरीण-बल पड़ना, ऐंठन, मुड़ जाना
- अन्होति-अनाधूंध
- अबोल-बोलचाल बंद, नाराज़गी
- अटाण-समाना, जाग,
- अंधड़-आंधी, तेज हवा, तूफान, झंझावात
- अंधेर-अन्याय, अनर्थ
- अड्यावण-खिरोवण, हिलाना, मिलाना
- अडल-तृप्त, संतुष्ट, निझर्क, बेफिक्र
- अबर-भरा हुआ, आछादित
- अकर-महंगा, ऊचे दाम पर
- अकरिमि-बुरे कर्मो वाला
- अड़ाना/ औड़ाट - पशुओं का रैंभाने की आवाज/ध्वनि
- अन्याय -अंधेरा
- अलबलाट-हड़बड़ी
- अलट -बेसुध, अचेत
- अलग्वज-जौं या मुस्लिम
- अलच्छिणि -अशुभ कारक, दुष्टा,
- अरड़ -ठंड,
- अमिल-खट्टा
- अमल -आदत, लत, अभ्यास, आचरण
- अमानत-धरोहर, सम्पत्ति, थाति , पराया धन
- अयाण-सयाण-छोटे-बड़े ,
- अलुणी-बिना नमक के
- अग्यट-अंगेठि, , सगड , अग्नि कुंड
- अग्याठ -अग्नि युक्त जलती मोटी लकड़ी
- अग्यल-आग पैदा करने वाला ठिनुक लोहे का एक टुकड़ा और चकमक पत्थर
- अड़मोड़ि - जटिल स्वभाव का व्यक्ति
- अड़्याठ -कम अकल,
- अरड़ीनु -ठण्ड से अकड़ना।
- अल्ज्याट- उलझन
- अटकन - रुकि जाण
- अनड़ - आंत
- अपटन - समय,न हुण
- अन्ड्वान - नासमझ
- अपैट - अशुभ दिन
- अघिल -आगे
- अघवान - आगे चलने वाला
- अघै -धो ,इच्छापूर्ति
- अलकाचो-आधापका।
- अड़कन-भैंस का बोलना ।
- असेटीन-काम में व्यस्त सा होना,
- अदमर- अधमरा
- अलस्यू-आलस मेंहोना
- अलसी- वनस्पति/तेल
- अतौर-जो पार न किया जा सके
- अरसिलो-रसहीन
- अ्लौट-अधसूखी लकड़ी।
- अखाड़ि-मडुवे के आटे से बना पतला भोजन
- अल्म्वाड़ा-अल्मोड़ा
- अलगकै /अल्क कै -बिना मुँह लगाये, ऊँचा करके पानी पीना
- अफल्याट-उतावला पन
- असज्जी -सज/सुविधा हीन
- अनकस्वै-अनौखा
- अक्कल् -अक्ल
- अमसरकोट -बागेश्वर में।
- अन्धेर-दुर्दशा ।
- अखौड़ -फल/अखरोट
- अखौड़ि -दूसरों से मतलब नहीं ं
- अषड़्या -वनस्पति/पेड़ पत्ते चारा व जानवर औषधि।
- अड़कन्या -जो जानवर बोलता है(गर्भधान हेतु)
- अच्यालन - आजकल
- अल्लै-तत्काल ।
- अकड़ु--अक्कड़बाज।
- अनाड़--शैतानी।
- अकरु--महंगा सामान बेचने वाले।
- अध्यांण-चावल बनाने के लिये रखा जाने वाला पानी।
- अबाट्- गलत या खराब रास्ता।
- अघौ-ज्यादा खाके पेट में दिक्कत होना।
- अधारि- ज्यादा वजन होने पर जब कोई हमारा आधा वजन लेने को आता है।
- अबीर- गुलाल।
- अघोरि- गंदगी में रहने वाला इंसान।
- अल्झी-पैर वगैरा किसी चीज में उलझ जाना।
- अद्द-आधा।
- अल्लै-अभी।
- अन्यार्- अंधेरा।
- अगास-आकाश।
- अलुंणै-बिना नमक का।
- अधीर-बेसब्री।
- अफर्याट = आपुकैं औरू है अलग दिखूंण
- अय्यार = जासूस
- अमोल = जैक् मोल् नि लागि सकौन्
- अपंण = स्वयंक्
- अपच्छ्याण = नि पच्छ्याणंण
- अजीर = अपच हूंण
- अकाव = खेति नि हूंण
- अत्ति -- बहुतायत
- अत्तरी - अत्तर -गांज पिनेर वाल ( नशेड़ी )
- अपन --संबंधी
- अकड़ू -- अकड़बाज
- अख्खम -- भयानक
- अखरन -- निथरना / सूखना
- अघैजान्--मन भर जाना
- अघिन--आगे की ओर
- अच्यालन--आजकल
- अझरक्क-- बेहिचक
- अटक -- लटकना / रुकना
- अठन्नी-- आठ आना
- अड्ड --ठिकाना
- अड़ियल--टेड़पन
- अताश--जल्दबाजी
- अकाश--आकाश
- अथा --अथाह / प्रचुरता
- अद्धा --आधा ( अद्धा--पव्वा 😊 )
- अन्-- अन्न
- अफसर--आफीसर
- अमल--टाप् लागन
- अल्लै - इसी समय
- अशौज --एक महिने का नाम
- असार- कच्चा
- अचैन- लकड़ी का गुटका, वैगर काम का।
- अन्यो- बहुत बड़ा पाप,किसी के साथ नाइंसाफी।
- अगझाल- टमाटर,बैगन,आलू आदि सब्जियों के ओस में जाने से पत्तियों का जलना (झुलसा बिमारी)
- अखड़- चिन्ता मुक्त
- अड़ी - स्याप है लें कुनी ,और क्वे यदि क्वय नी माननतो य तो अड़ी गो के करू लै कुनी
- अजगर - स्याप क प्रजाति लै भै,और क्वे सेतियै रुनी मैसों है लै य शब्द प्रयोग करनी अजगर जै पड़ रौ।
- अमोरांय्ट- आन कानी करनी लोगों हों करनी, य अमोय्ट ठीक नी हुन ।विशेष तौर पर हमर पहाड़ों में द्वाप्प नाचण में क्वे डंगरी नी नाचन या क्वे नई रुमन झुमन है जा तो उ बखत यैक ज्यादा प्रयोग हुंछ।
- अड़कसै- आशर्चय वाचक शब्द छू। अति शब्दक प्रयांवची यैल ता अड़कसै कर है।
- अलैबेर - य साल
- असोज - हमर पहाड़ी महैणक नाम
- अड़होती- लै कई जगामें प्रयोग लाई जा य अड़होती है गै। क्वे झुठ बुलाड़में। कैं काम करण में, जो नी है सकन ऊं है जो तो । आर्शचय वाचक शब्द छू।
(संकलित ....जोगासिंह कैड़ा)
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